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असार्थक और ओचित्यहीन लेख

Manoj Gautam
Manoj Gautam
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मेरा यह पत्र मूलरूप से दैनिक जागरण के संपादक महोदय एवं शीर्ष अधिकारीयों को प्रस्थंकित है आप का समाचार पत्र “दैनिक जागरण ” विश्व के शीर्ष समाचार पत्रों में से एक है किसी भी समाचार पत्र की महत्ता उसके सम्पादकीय आलेख से की जाती है आपके समाचार पत्र के सम्पादकीय में हिरदयनारायण  दीक्षित , आर विक्रम सिंह बलवीर पुंज , ए सूर्य प्रकाश , तरुण विजय , ए शंकर , संजय गुप्ता, राजीव सचान , ब्रहम चेलानी आदि टिप्पणीकारों एवं स्तंभकारों , विषय विशेषग्य के आलेख तथ्य परक नवीनतम घटनाओं की जानकारी सत्ता को अनुशासित करने वाले है देश की वाह्य एवं आतंरिक सुरक्षा , सामरिक स्थिति से अवगत करने वाले एवं समाधानवाही  है

किन्तु उन सबमें कुलदीप नय्यर के आलेख इन सब से उलट है उनके आलेखों में कोई नवीनतम जानकारी , तथ्य नहीं होते उनके आलेख केवल पाक वार्ता के समर्थन ,आतंकियों के प्रति सहानुभूति , हिन्दू धर्मालंबियों एवं भारतियों के प्रति विषवमन वाले होते है नय्यर के पास शब्द भी निश्चित है ज्ञान भी अल्प है बस चंद शब्दों को घुमा फिराकर कर आलेख लिख देते है जो सनातन संस्कृति , राष्ट्रीयता के विमुख एवं पाक वार्ता के लिए लालायित रहते है

२ मार्च २०११ के आलेख , शीर्षक असंतोषजनक न्याय में गोधरा कांड पर न्यायालय के निर्णय पर ही प्रशनचिंह लगा दिया जो न्यायालय की अवमानना है न्यायालय के निर्णय को तो सर्वोच्च न्यायालय में चुनोती का प्रवधान है किन्तु दुराग्रह से ग्रसित टिप्पणीकारों को टिपण्णी करने का नहीं अतः विषय गंभीर जाँच का है की कहीं नैयर की गोधरा कांड की घटना को अंजाम देने वालों से मिली भगत तो नहीं ?

अतः मेरा दैनिक जागरण से अनुरोध है की नैयर के आलेख छाप कर समाचार पत्र की गरिमा न गिराय ! जय हिंद जय भारत

मनोज गौतम

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